अनोखी दोस्ती
भाग 8 अनोखी दोस्ती
अब तक आपने पढ़ा कोयल और विनय एक कमरे में रहने लगे कोयल भी खुश थी और विनय भी।
लेकिन रेखा ने अपने बेटे विनय को जो पट्टी पढ़ाई उसका असर विनय के दिमाग पर कितना हुआ यह सब जानने के लिए आगे।
अगली सुबह कोयल को तबीयत ठीक नहीं लगती उसको बहुत घबराहट और बेचैनी हो रही होती है वह नीचे बैठ जाती है विनय कमरे में आते हुए क्या हुआ "कोयल
ठीक तो हो ना "
नंदिनी नंदिनी!
नंदनी क्या हुआ भैया ?
'कोयल की तबीयत ठीक नहीं है जा उसके पास बैठ जा'
रेखा-
'विनय तू पागल हो गया है क्या चाहे कितना भी प्यार कर ले वह बच्चा तेरा तो नहीं हो जाएगा पता नहीं किसका गंदा खून है'।
तुम क्या "इस कोयल के साथ सारी जिंदगी बिताने की सोच रहे हो "
अभी से उस बच्चे को खत्म करना पड़ेगा बाद में कुछ नहीं कर सकते जरा सोच समझ ले
विनय की मां विनय को समझाते हुए बोले।
अपने बेटे की दिमाग में जहर भरती रही, उधर नंदनी कोयल के कमरे में ऐसा भी क्या हुआ है "क्यों इतना ड्रामा कर रही हो"।
कोयल …...कैसा ड्रामा नंदिनी!
"अभी तुम छोटी हो तुम्हें समझ नहीं आएगा"।
नंदनी ….."मेरे लिए एक गिलास पानी ले आओगी प्लीज!
जब नंदिनी कोयल के लिए पानी लेकर जा रही थी।
तभी कोयल के ऑफिस से फोन आता है, और वह मैनेजर से बात करती है
"मैंने कितना कुछ किया कंपनी के लिए और जब अब मेरी तबीयत ठीक नहीं है तब कंपनी ऐसा कैसे कर सकती है वह मुझे फायर कैसे कर सकती है'।
मैनेजर…… कोयल !'तुम्हें तो पता ही है कंपनी ऐसे ही डिसीजन लेती है कंपनी को तो अपने काम से मतलब होता है'।
सर ……"आप तो हायर अथोरटी से बात कर सकते थे,
जब भी आपकी तबीयत पूरी तरह से ठीक हो जाए
यू कैन जॉइन अस"।
हे भगवान क्या करूं ?
क्या भाभी आपको जोब से निकाल दिया!
" हां नंदिनी एक महीना हो गया है मैंने कुछ भी काम नहीं किया मेरी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी'।
रमेश …...रेखा से
" कुछ भी करो उसका बच्चा हमारा नाम लेकर पैदा नहीं होना चाहिए"।
आप तो बेकार में ही गुस्सा हो रहे हैं" क्या करूंँ? कब का उसे धक्का मार कर घर से बाहर कर देती पर हर महीने इतने पैसे जो देती है मुझे जिससे घर खर्च भी चल जाता है और मैं बचा भी लेती हूं। इसीलिए अब तक उसे बर्दाश्त कर रही थी"
नंदनी आते हुए बोलती है,
" आज भाभी को ऑफिस से निकाल दिया उन्हें फायर कर दिया है क्योंकि वह 1 महीने से कुछ भी काम नहीं कर पा रही थी आगे और पैसे नहीं मिलने वाले आपको !
" क्योंकि भाभी की जोब चली गई"।
" जॉब चली गई अब तो मैं उसे इस घर में 1 मिनट भी बर्दाश्त नहीं कर सकती। अब तो मैं उसे 1 मिनट भी घर में रहने नहीं दूंगी"।
विनय …......बेटा देखा तूने ! "प्रेग्नेंसी की बात सुनते ही उसके मैनेजर ने कोयल को कंपनी से बाहर निकाल दिया।
मैं कह रही थी कि जरूर उसका भी चक्कर चल रहा है।
अपने पकड़े जाने के डर से मैनेजर ने सही वक्त पर सही डिसीजन ले लिया अब तू क्यों देर कर रहा है उसको क्यों नहीं घर से धक्के मार कर निकालता"।
विनय सही कहा था मम्मी , !आपने जरूर "उसका अपने मैनेजर से कोई चक्कर है वह उसके बच्चे को मेरे सर पर थोप रही है"।
अब वह यहां पर भी 1 मिनट नहीं रह सकती
कोयल कोयल!
आप इतना गुस्सा क्यों हैं।
"कंपनी से तो निकाल ही दिया है अभी इस घर से भी निकल"।
"आपको तो कंपनी की पॉलिसी अच्छी तरह से पता है फिर भी आप इस तरह कैसे कह सकते हैं। आप जानते हैं ना मैं महीना काम नहीं किया"
कोयल!" मैं तुमसे कुछ नहीं सुनना चाहता सामान बांध मुझे तुमसे कोई सफाई नहीं चाहिए और अभी के अभी यहां से निकल जा!"
पता नहीं किसका खून है गंदा खून निकल यहांँ से।
सुन लो विनय 'मैं कहीं नहीं जाने वाली यह आपका ही बेबी है और वह यहीं पैदा होगा'।
विनय 'आप तो मुझसे प्यार करने लगे थे फिर ऐसे क्यों बोल रहे हैं"।
तेरी शक्ल तो प्यार के काबिल ही नहीं है।
कोयल
"मुझे प्यार नहीं करते तो अस्पताल क्यों लेकर गए थे"।
हॉस्पिटल क्यों क्यों दिखाया आपने मुझे!
"पड़े पड़े मुझे यही मर जाने देते"।
अस्पताल हुम्
मैं नहीं वह सिया लेकर गई थी।
सिया लेकर गई थी।
रेखा
बेटा टाइम बर्बाद मत कर जल्दी से इसको घर से बाहर निकाल दे।
यह ऐसे नहीं मानेगी।
नंदनी अपनी मां को समझाने की कोशिश करती है।
"मम्मी भाभी तो बहुत टैलेंटेड है उन्हें और कितने अच्छे-अच्छे जो मिल जाएंगे। फिर उन्हें ऐसी हालत में"।
रेखा नंदनी से "तू कब से इसकी तरफ होने लगी'.
ए विनय देर मत कर "जल्दी उसे धक्का मार कर निकाल दे"।
विनय को तो कोयल के पेट में पल रहे बच्चे को लेकर पूरा डाउट हो गया था।
अब तो सिर्फ उसे रेखा देवी की बात समझ आ रही थी।
विनय ने गुस्सा होकर अपनी पत्नी को घर से बाहर निकाल कर दरवाजा बंद कर लिया।
अब आगे देखने के लिए पढ़िए अगला भाग
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Alka jain
27-Jun-2023 07:45 PM
Nice 👍🏼
Reply
Shnaya
27-Jun-2023 06:34 PM
Nice one
Reply
Abhinav ji
07-Jun-2023 09:25 AM
Nice
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